Wednesday 30 October 2013

गुर्दे (KIDNY) की खराबी और उपचार /लौकी के औषधीय प्रयोग






~ CLEAN YOUR KIDNEYS ~

Years pass by and our kidneys are filtering the blood by removing salt, poison and any unwanted entering our body. With time, the salt accumulates and this needs to undergo cleaning treatments and how are we going to overcome this?

It is very easy, first take a bunch of parsley or Cilantro ( Coriander Leaves ) and wash it clean

Then cut it in small pieces and put it in a pot and pour clean water and boil it for ten minutes and let it cool down and then filter it and pour in a clean bottle and keep it inside refrigerator to cool.

Drink one glass daily and you will notice all salt and other accumulated poison coming out of your kidney by urination also you will be able to notice the difference which you never felt before.

Parsley (Cilantro) is known as best cleaning treatment for kidneys and it is natural!

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Chandra Madhav Prasad
 
  लौकी ??? अवश्य खाना चाहिए थोड़ी ही क्यों ना हो .  लौकी काटते समय थोड़ी लौकी कच्ची ही खा ले. ये बहुत मीठी लगती है. लौकी कद्दूकस करने पर उससे निकला पानी पी जाएँ. क्योंकि इसके बहुत लाभ है --- - लंबी तथा गोल दोनों प्रकार की लौकी वीर्यवर्ध्‍दक, पित्‍त तथा कफनाशक और धातु को पुष्‍ट करने वाली होती है।
 - हैजा होने पर 25 एमएल लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है। - खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है। - हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्‍चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। - लौकी में श्रेष्‍ठ किस्‍म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे
गुर्दे
खुलकर आता है। - लौकी श्‍लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्‍छी मात्रा में मिलती है। - लौकी के बीज का तेल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करते है तथा हृदय को शक्‍ति देते है। यह रक्‍त की नाडि़यों को भी स्‍वस्‍थ बनाते है। - लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्‍ज, पीलिया, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्‍तेजना आदि में बहुत उपयोगी है। - अल्सर होने पर कुछ दिन सिर्फ लौकी खाने से यह ठीक हो जाता है. - लौकी के रस को सीसम के तेल के साथ मिलाकर तलवों पर हल्की मालिश सुखपूर्वक नींद लाती है। -लौकी का रस मिर्गी और अन्य तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित बीमारियों में भी फायदेमंद है। -अगर आप एसिडीटी,पेट क़ी बीमारियों एवं अल्सर से हों परेशान, तो न घबराएं बस लौकी का रस है इसका समाधान। - केवल पर्याप्त मात्रा में लौकी क़ी सब्जी का सेवन पुराने से पुराने कब्ज को भी दूर कर देता है। - लौकी मस्तिष्क की गर्मी को दूर करती है।लौकी का रायता दस्तों में लाभप्रद है। - यकृत की बीमारी और पीलिया के लिये लौकी लाभकारी है। - लौकी के पत्तों को पीसकर लेप करने से कुछ ही दिनों में बवासीर नष्ट हो जाते हैं। - लौकी के छिलके से चेहरा साफ करने से चेहरे की गंदगी दूर होती है। त्वचा के रोम छिद्र खुल जाते हैं। चेहरे पर मुंहासे हों तो, इन मुहांसों पर लौकी और नींबू के रस का मिश्रण लगाएं। इससे आपको जरूर लाभ मिलेगा। -गर्मियों में लौकी को पीसकर पैर के तलवों पर मलें इससे पैरों की जलन शांत होती है। - लौकी के बीजों को पीसकर होठों पर लगाने से जीभ और होठों के छाले ठीक हो जाते हैं। - दमा या अस्थमा के लिए ताजी लौकी पर गीला आटा लेप लें, फिर उसे साफ कपडे़ में लपेटकर, भूभल (गर्म राख या रेत) में दबायें। आधे घंटे बाद कपड़ा और आटा उतारकर उस भुरते का रस निकालकर सेवन करें। लगभग 40 दिनों में इस रोग से छुटकारा मिल जाएगा। - बिच्छू के काटे हुए स्थान पर लौकी पीसकर लेप करें और इसका रस निकालकर पिलाएं। इससे बिच्छू का जहर उतर जाता है। - कच्चे लौकी को काटकर उसकी लुगदी बनाकर घुटनों पर रखकर कपड़े से बांध लेना चाहिए। इससे घुटने का दर्द दूर हो जायेगा। - सिर्फ एक सावधानी बरते की लौकी कडवी होने पर उसका उपयोग ना करें

Monday 14 October 2013

डेंगू का आयुर्वेदिक और होम्योपेथिक उपचार---डॉ डी बी बाजपेयी

डेन्गू बुखार के लिये सटीक और अचूक आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज और दवायें ; DENGUE FEVER AND ASSOCIATE COMPLAINTS WELL TREATED BY HOMOEOPATHIC AND AYURVEDIC MEDICAMENTS

by prakruti
डेन्गू बुखार के लिये बहुत से लोगों ने फोन करके "टिप्स" और इलाज के लिये पूछा है कि एलोपैथी के इलाज के बाद भी उन्की तकलीफ नही ठीक हुयी है और जब डेन्गू बुखार अपना असर चरम सीमा पर हो तो लजिमी है कि उसके बचाव और इलाज के लिये सही और सटीक और अचूक इलाज बताया जाय /
आयुर्वेद की औषधियां और इसका इलाज डेन्गू के लिये ;
१- यह खुराक एक पूर्ण वयस्क वयक्ति के लिये है / ब्च्चों के लिये आधी या चौथायी खुराक दे /
एक गोली महासुदर्शन घन वटी
एक गोली सप्त पर्ण घन वटी
एक गोली महाज्वरान्कुश रस
एक गोली आनद भैरव रस
इन चार गोलियों की मिलकर एक खुराक दवा है / इसे सादे पानी से अथवा गुनगुने पानी से अथवा चाय अथवा दूध अथवा तुलसी  की चाय अथवा तुलसी -अदरख की चाय अथवा शहद से रोग की तेजी के अनुसार दो दो घन्टे के अन्तराल से अथवा तीन या चार घन्टे के अन्तराल से देना चाहिये / एक या दो दिन में बुखार और इसके उपद्रव ठीक हो जाते है /
२- Homoeopathic Medicaments ;
In DENGUE FEVER Homoeopathic combination of Mother tinctures is very effective to control the Fevere abd allied syndromes
Mother Tincture Gentiana Chiraita
Mother Tincture Kalmegha
Mother tincture Azadirachta Indica
Mother tincture Ceazelpeania Bonducella
Mother tincture Tinospora cordifolia
Mother Tincture Echinesia
Mother tincture Baptisia
Mix all mother tinctures in equal quantity in a bottle,. shak well
Take one Teaspoonful of the mother tincture mixture in half cup of fresh water and give to patient
Repeat similar medicine 2 or 3 or four hourly according to the need
Dengue and its syndromes will be covered in 2 days
Doses for children reduce according to the age
Medicine should be given to children start with 5 drops to 10 drops drops can be minimised in very little baby
खान पान मे परहेज करे और केवल हल्के खान पान पर धयान दे
खान पान पर लापरवाही करने से पीलिया Jaundic और लीवर और दूसरी बीमारियां पैदा हो जाती है, इसलिये इसका विशेष ध्यान करें 

यह लेख मूल रूप से इस लिंक पर हैं वहीं से साभार लिया गया है---http://wp.me/p5Ct5-1ei

Saturday 12 October 2013

डायबिटीज़ का घरेलू उपचार एवं स्वास्थ्य ---



A woman (65) was diabetic for the last 20+ years
and
was taking insulin
twice a day.
She used the enclosed homemade medicine for a fortnight and
now she is absolutely free of diabetes and taking all her food as normal
including sweets.

The doctors have advised her to stop insulin and any other blood sugar controlling drugs.
I request you all please circulate the email below to as many people as you
can and let them take maximum benefit from it.

AS RECEIVED :
DR. TONY ALMEIDA
( Bombay Kidney Speciality expert )
made the extensive experiments with perseverance and patience and discovered a
successful treatment for diabetes.
Now a days a lot of people, old men &
women in particular suffer a lot due to Diabetes.

Ingredients:
1 - Wheat 100 gm
2 - Gum(of tree) (gondh) 100 gm
3 - Barley 100 gm
4 - Black Seeds (kalunji) 100 gm

Method of Preparation :
Put all the above ingredients in 5 cups of water.
Boil it for 10 minutes and put off the fire.
Allow it to cool down by itself.
When it has become cold, filter out the
seeds and preserve water in a glass jug or bottle.

How to use it?
Take one small cup of this water every day early morning when your stomach is empty.
Continue this for 7 days.Next week repeat the same but on alternate days. With these 2 weeks of
treatment you will wonder to see that you have become normal and can eat
normal food without problem.

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Naturopathy Cure for Diabetes & High Blood Pressure By Vegetable Lady Finger (OKRA)

Take two pieces of Lady Finger and cut both ends of each Piece. Also put these two pieces in glass of water.

Cover the glass and keep it during the night in room temperature.
Early morning after Fresh up , before breakfast remove the pieces of lady Finger from the glass and drink that water.

Keep doing it on daily basis. Within two weeks, you will see remarkable results in reduction of your SUGAR and B.P.

You have to stop Insulin and other Medicine and continues to take the lady fingers every day.keep taking it for a few months before U see results, as most cases might be chronic.

Please. try it as it will do not harm you.

HEALTHY JUICES:

Carrot + Ginger + Apple - Boost and cleanse our system.

Apple + Cucumber + Celery - Prevent cancer, reduce cholesterol, and eliminate stomach upset and headache.

Tomato + Carrot + Apple - Improve skin complexion and eliminate bad breath.

Bitter gou rd + Apple + Milk - Avoid bad breath and reduce internal body heat.

Orange + Ginger + Cucumber - Improve Skin texture and moisture and reduce body heat.

Pineapple + Apple + Watermelon - To dispel excess salts, nourishes the bladder and kidney.

Apple + Cucumber + Kiwi - To improve skin complexion.

Pear & Banana - regulates sugar content.

Carrot + Apple + Pear + Mango - Clear body heat, counteracts toxicity, decreased blood pressure and fight oxidization .

Honeydew + Grape + Watermelon + Milk - Rich in vitamin C + Vitamin B2 that increase cell activity and str engthen body immunity.

Papaya + Pineapple + Milk - Rich in vitamin C, E, Iron. Improve skin complexion and metabolism.

Banana + Pineapple + Milk - Rich in vitamin with nutritious and prevent constipation

Thursday 10 October 2013

दांत -दर्द के घरेलू उपचार और......




दांत में दर्द होना आम बात है:
 कई बार कुछ गलत खाने से भी दांत में दर्द हो जाता है, तो कई बार दांतों की ठीक से सफाई न करने या कीड़े लगने के कारण दांतों में दर्द होने लगता है. दांतों में दर्द का कारण कोई भी हो, लेकिन इसकी पीड़ा आपके लिए बेहद कष्टकारी बन जाती है.
दांत दर्द कई कारणों से होता है मसलन किसी तरह के संक्रमण से या डाईबिटिज की वजह से या ठीक ढंग से दांतों की साफ सफाई नहीं करते रहने से। यूँ तो दांत दर्द के लिए कुछ ऐलोपैथिक दवाइयां होती हैं लेकिन उनके बहुत हीं कुप्रभाव होते हैं जिसकी वजह से लोग चाहते हैं की कुछ घरेलू उपचार से इसे ठीक कर लिया जाये। अगर आप भी दांत दर्द से परेशान है एवं इसके उपचार के लिए प्रभावकारी घरेलू उपाय चाहते हैं तो नीचे दिए गए उपायों पर अमल करें।

नियमित रूप से सरसों के तेल में हल्दी और नमक मिलाकर दांतों की मालिश करने से दांत में दर्द की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है. अगर तुरंत दर्द भगाना है, तो इसी घोल से 15 मिनट तक लगातार मालिश करें.

हींग - जब भी दांत दर्द के घरेलू उपचार की बात की जाती है, हींग का नाम सबसे पहले आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह दांत दर्द से तुरंत मुक्ति देता है। इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसन है। आपको चुटकी भर हींग को मौसम्मी के रस में मिलाकर उसे रुई में लेकर अपने दर्द करने वाले दांत के पास रखना है। चूँकि हींग लगभग हर घर में पाया जाता है इसलिए दांत दर्द के लिए यह उपाय बहुत सुलभ, सरल एवं कारगर माना जाता है।

हींग दांत में दर्द से तुरंत मुक्ति दिला सकता है. हींग को मौसमी के रस में डुबोकर दांतों में दर्द की जगह पर रखें. मौसमी का रस न होने पर हींग में नींबू भी मिलाया जा सकता है. इससे कुछ देर बाद ही आपको दर्द से छुटकारा मिल जायेगा.

दर्द से राहत पाने के लिए दर्द वाली जगह को सुन्न करने से भी आराम मिलता है. यदि आप दर्द की जगह पर बर्फ रखेंगे, तो आपको दर्द से मुक्ति मिल जायेगी.

लौंग -- लौंग में औषधीय गुण होते हैं जो बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु (जर्म्स, जीवाणु) का नाश करते हैं। चूँकि दांत दर्द का मुख्य कारण बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु का पनपना होता है इसलिए लौंग के उपयोग से बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु का नाश होता है जिससे दांत दर्द गायब होने लगता है। घरेलू उपचार में लौंग को उस दांत के पास रखा जाता है जिसमें दर्द होता है। लेकिन दर्द कम होने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती है इसलिए इसमें धैर्य की जरुरत होती है।

दांतों के दर्द में लौंग एक ऐसा उपाय है, जिससे दांतों के सभी बैक्टीरिया नष्ट किये जा सकते हैं. कई बार बैक्टीरिया जम जाने के कारण भी दांतों में जोर का दर्द होने लगता है. ऐसे में लौंग को दांतों के दर्द की जगह पर रखना चाहिए, कुछ ही देर में आपका दर्द जाता रहेगा.


प्याज -- प्याज (कांदा ) दांत दर्द के लिए एक उत्तम घरेलू उपचार है। जो व्यक्ति रोजाना कच्चा प्याज खाते हैं उन्हें दांत दर्द की शिकायत होने की संभावना कम रहती है क्योंकि प्याज में कुछ ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो मुंह के जर्म्स, जीवाणु एवं बैकटीरिया को नष्ट कर देते हैं। अगर आपके दांत में दर्द है तो प्याज के टुकड़े को दांत के पास रखें अथवा प्याज चबाएं। ऐसा करने के कुछ हीं देर बाद आपको आराम महसूस होने लगेगा।

आप अकसर प्याज को सलाद के रूप में खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं प्याज के जरिये भी आप अपने दांत के दर्द को दूर कर सकते है. प्याज के जरिये मुंह के बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं.

लहसुन -- लहसुन भी दांत दर्द में बहुत आराम पहुंचाता है। असल में लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो अनेकों प्रकार के संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखते हैं। अगर आपका दांत दर्द किसी प्रकार के संक्रमण की वजह से होगा तो लहसुन उस संक्रमण को दूर कर देगा जिससे आपका दांत दर्द भी ठीक हो जायेगा। इसके लिए आप लहसुन की दो तीन कली को कच्चा चबा जायें। आप चाहें तो लहसुन को काट कर या पीस कर अपने दर्द करते हुए दांत के पास रख सकते हैं। लहसुन में एलीसिन होता है जो दांत के पास के बैकटीरिया, जर्म्स, जीवाणु इत्यादि को नष्ट कर देता है। लेकिन लहसुन को काटने या पीसने के बाद तुरंत इस्तेमाल कर लें। ज्यादा देर खुले में रहने देने से एलीसिन उड़ जाता है जिससे बगैर आपको ज्यादा फायदा नहीं होता।


एक फांक लहसुन को सेंधा नमक के साथ पीसकर यदि आप दांतों में दर्द की जगह पर लगायेंगे तो आपको दर्द में आराम मिलेगा. इतना ही नहीं यदि आप लहसुन की एक कली को दर्द की जगह पर रखेंगे तो भी आपको आराम मिलेगा.

यदि आप कोई भी प्रयोग नहीं करना चाहते तो दर्द की जगह पर गर्म पानी के सेंक देने से भी आपको आराम मिल सकता है. आप चाहें तो गर्म पानी से गार्गल भी कर सकते हैं. इतना ही नहीं गर्म पानी से भाप लेने से दांतों के दर्द को दूर करने में मदद मिलती है. पानी गर्म करते समय उसमें आप हल्का सा नमक भी डाल लें.
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दाँत -दर्द में राहत के लिए बायोकेमिक कंपाउंड नंबर-23 भी काफी लाभदायक रहता है इसे किसी भी होम्योपेथिक स्टोर से ले सकते हैं। 
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एलोपेथिक दर्द निवारक कितने घातक होते हैं जानिए इस लेख द्वारा-
 

Monday 7 October 2013

कब्ज है तो घबराएँ नही, इन घरेलू उपायों को अपनाएं ----


कब्ज :
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पके टमाटर का रस एक कप पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज दूर होती है और आंतों को ताकत भी मिलती है।

रात में सोते समय 1 से 2 चम्मच अलसी के बीज ताजा पानी से निगल लें। आंतों की खुश्की दूर होकर मल साफ होगा।

2 अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर पानी पीने से पेट साफ हो जाता है।

गाजर के रस का रोजाना सेवन करने से कोष्ठबद्धता (कब्ज) ठीक हो जाती है। ऐसे व्यक्ति अर्श (बवासीर) रोग से सुरक्षित रहते हैं।

गिलोय का बारीक चूर्ण को गुड़ के साथ बराबर की मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच सोते समय सेवन करने से कब्ज का रोग दूर हो जाता है।

अजवायन 10 ग्राम, त्रिफला 10 ग्राम और सेंधानमक 10 ग्राम को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। रोजाना 3 से 5 ग्राम इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से काफी पुरानी कब्ज समाप्त हो जाती है।

थूहर के दूध में कालीमिर्च, लौंग या पीपल भिगोकर सुखा लें। कब्ज से परेशान व्यक्ति को कालीमिर्च या लौंग खिला देने से पेट बिल्कुल साफ हो जाता है।

सोते समय 1 चम्मच साबुत मेथी दाने को पानी के साथ पीने से कब्ज दूर होगी।

4 चम्मच सौंफ 1 गिलास पानी में उबालें। जब आधा पानी रह जाये तो छानकर पीने से कब्ज दूर हो जायेगा।

गैस :
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10 पिसी हुई कालीमिर्च को फांक कर, ऊपर से गर्म पानी में नीबू निचोड़कर सुबह-शाम पीते रहने से गैस बनना बंद हो जाती है।

चुकन्दर को खाने से पेट की गैस दूर होती है।

6 ग्राम अजवाइन में लगभग 2 ग्राम कालानमक को मिलाकर फंकी देकर गर्म पानी पिलाने से गैस मिटती है।

पेट में गैस बनने पर सुबह 4 कली लहसुन की खाये इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और गैस दूर होती है।

Friday 4 October 2013

मलेरिया और डेंगू भगाने के घरेलू उपचार



हमारी हर प्राचीन  परंपरा में वैज्ञानिकता का दर्शन होता हैं अज्ञानता का नहीं......
 "खीर" का वैज्ञानिक महत्व......
हम सब जानते है की मच्छर काटने से मलेरिया होता है वर्ष मे कम से कम 700-800 बार तो मच्छर काटते ही होंगे अर्थात 70 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते लाख बार मच्छर काट लेते होंगे । लेकिन अधिकांश लोगो को जीवनभर में एक दो बार ही मलेरिया होता है सारांश यह है की मच्छर के काटने से मलेरिया होता है यह 1% ही सही है ।

खीर खाओ मलेरिया भगाओ::

लेकिन यहाँ ऐसे विज्ञापनो की कमी नहीं है जो कहते है की एक भी मच्छर ‘डेंजरस’ है, हिट लाओगे तो एक भी मच्छर नहीं बचेगा अब ऐसे विज्ञापनो के झांसे मे आकर के करोड़ो लोग इस मच्छर बाजार मे अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो जाते है । सभी जानते है बैक्टीरिया बिना उपयुक्त वातावरण के नहीं पनप सकते जैसे दूध मे दही डालने मात्र से दही नहीं बनाता, दूध हल्का गरम होना चाहिए, उसे ढककर गरम वातावरण मे रखना होता है । बार बार हिलाने से भी दही नहीं जमता ऐसे ही मलेरिया के बैक्टीरिया को जब पित्त का वातावरण मिलता है तभी वह 4 दिन में पूरे शरीर में फैलता है नहीं तो थोड़े समय में खत्म हो जाता है. सारे मच्छरमार प्रयासो के बाद भी मच्छर और रोगवाहक सूक्ष्म कीट नहीं काटेंगे यह हमारे हाथ में नहीं ; लेकिन पित्त को नियंत्रित रखना हमारे हाथ में तो है.
अब हमारी परम्पराओं का चमत्कार देखिये जिन्हे अल्पज्ञानी, दक़ियानूसी, और पिछड़ेपन की सोच करके, षड्यंत्र फैलाया जाता था ।

वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आती है आकाश में बादल धूल न होने से कडक धूप पड़ती है जिससे शरीर में पित्त कुपित होता है इसी समय गड्ढो मे जमा पानी के कारण बहुत बड़ी मात्रा मे मच्छर पैदा होते है इससे मलेरिया होने का खतरा सबसे अधिक होता है ।

खीर खाने से पित्त का शमन होता है । शरद में ही पितृ पक्ष (श्राद्ध) आता है पितरों का मुख्य भोजन है खीर । इस दौरान 5-7 बार खीर खाना हो जाता है इसके बाद शरद पुर्णिमा को रातभर चाँदनी के नीचे चाँदी के पात्र में रखी खीर सुबह खाई जाती है (चाँदी का पात्र न हो तो चाँदी का चम्मच खीर मे डाल दे , लेकिन बर्तन मिट्टी या पीतल का हो, क्योंकि स्टील जहर और एल्यूमिनियम, प्लास्टिक, चीनी मिट्टी महा-जहर है) . यह खीर विशेष ठंडक पहुंचाती है । गाय के दूध की हो तो अतिउत्तम, विशेष गुणकारी (आयुर्वेद मे घी से अर्थात गौ घी और दूध गौ का) इससे मलेरिया होने की संभावना नहीं के बराबर हो जाती है

 
ध्यान रहे : इस ऋतु में बनाई खीर में केसर और मेंवों का प्रयोग न करे । ये गर्म प्रवृत्ति के होने से पित्त बढ़ा सकते है. सिर्फ इलायची डाले
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  कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें.....
 डेंगू का उपचार: 
आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पूरे भारत मेआयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें : १) अनार जूस २) गेहूं घास रस ३) पपीते के पत्तों का रस ४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l - पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l - गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो  जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l यदि रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l