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Tuesday 15 December 2015

सूजी , तेजपात, बादाम ,शहद से हृदय - रक्तचाप चिकित्सा

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सूजी को रवे और सेमोलिना भी कहा जाता है। सूजी गेहूं से बनती है, ये उसी का एक प्रकार है। सूजी का इस्तेमाल हलवे, इडली, रवा डोसा और उपमा आदि के लिए किया जाता है। सूजी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि ये खाने में बहुत हल्की होती है।इसी वजह से छोटे बच्चों, ऐसे बुजुर्गों जिनके दांत नहीं होते और मरीज़ों को सूजी से बनी डिश दी जाती हैं। आइये जानते हैं सूजी के सभी फायदों के बारे में विस्तार से।

एनर्जी बढ़ाए
सूजी ऐनर्जी बढ़ाने के लिए भी जानी जाती है। ये उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है जिनका लाइफस्टाइल बहुत एक्टिव होता है। ये आपको दिन भर एक्टिव रखती है, अच्छा परफॉर्म करने में मदद करती है और आलस से भी बचाती है। अगर आप सूजी की डिश बना रहे हैं तो उसमें सब्जियां भी मिला लें ताकि उसमें बेहतर फ्लेवर आए और फाइबर की मात्रा भी बढ़ जाए।
हड्डियों और नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखे
सूजी आपकी हड्डियों और नर्वस सिस्टम के लिए भी अच्छी है। ये हड्डियों का घनत्व बढ़ाकर उनको मज़बूत बनाती हैं और स्वस्थ रखती हैं। इसमें फास्फोरस, ज़िंद और मैग्नीशियम होता है जो कि नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने के काम आता है।
दिल के लिए अच्छी
सूजी आपके लिए के लिए टॉनिक की तरह होती है। ये आपकी दिल की सेहत को बेहतर बनाती है और दिल के दौरे का जोखिम कम करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सेमोलिना यानी सूजी में सेलेनियम बहुत उच्च मात्रा में होता है जो कि इंफेक्शन को रोक कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। 

अनुवादक – Shabnam Khan
 
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Sunday 31 May 2015

बेल के औषधीय गुण --- आरती सिंह

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बेल फल उत्तम वायुनाशक, कफ-निस्सारक व जठराग्निवर्धक है। ये कृमि व दुर्गन्ध का नाश करते हैं........इनमें निहित उड़नशील तैल व इगेलिन, इगेलेनिन नामक क्षार-तत्त्व आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं... बेल के फल का रस ठंडा होता है इसका सेवन गर्मियों में करने से लू और गर्मी की दिक्कते नहीं होती है.........ये गर्मियों में जहां आपको राहत देते हैं, वहीं इनका सेवन शरीर के लिए लाभप्रद भी है। बेल में शरीर को ताकतवर रखने के गुणकारी तत्व विद्यमान हैं। इसके सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह रोगों को दूर भगा कर नई स्फूर्ति प्रदान करता है।
*पुराने से पुराने आँव रोग से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन करें।
* यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवर्द्धक भी है।
*पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
*आँख में दर्द होने पर बेल के पत्त्तों की लुगदी आँख पर बाँधने से काफी आराम मिलता है।
*कई मर्तबा गर्मियों में आँखें लाल-लाल हो जाती हैं तथा जलने लगती हैं। ऐसी स्थिति में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूँद आँख में डालना चाहिए। लाली व जलन शीघ्र दूर हो जाएगी।
*बच्चों के पेट में कीड़े हों तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
*बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है।
*इसके पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है, खून में भी वृद्धि होती है।
*बेल के गूदे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है।
*बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
*गर्मियों में गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाने लगे तो बेल और सौंठ का काढ़ा दो चम्मच पिलाना चाहिए।
*पके बेल के गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है।
*छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक चम्मच पका बेल खिलाने से शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। 
*बेल के फल का गुदा निकल कर उसमे थोड़ी मिश्री मिलाकर ३-४ बार लगातार खाने से आँखों की समस्याओ से रहत मिलती है ।
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