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Friday 23 January 2015

अस्थमा व हृदयाघात से बचाव : शकरकंदी और परहेज

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सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इस मौसम में हमारे पास खाने-पीने के बहुत से विकल्प होते हैं। तो अपनी स्वाद ग्रंथियों को फलों व सब्जि़यों के सेवन का मौका दें। कुछ फल व सब्जि़यां तो ऐसी हैं, जिनका सेवन सिर्फ इसी मौसम में किया जा सकता है। ऐसी ही है शकरकंदी, जिसे अंग्रेजी में 'स्वीट पोटैटो' कहा जाता है।
• प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : शकरकंदी में विटामिन बी कांप्ले़क्स, आयरन, फास्फोसरस, विटामिन सी, के अलावा बीटा कैरोटीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करता है।
• अस्थमा से बचाव : शकरकंदी शरीर को गर्म भी रखती है और इसमें मौजूद विटामिन सी के सेवन से ब्रांकाइटिस और फेफड़ों की परेशानी में भी आराम मिलता है।
• अर्थराइटिस : शकरकंदी में मैग्नीशियम, जिंक, बीटा कैरोटीन और विटामिन बी कांप्लै्क्स होते हैं, इसलिए यह अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए अच्छा है।
• पाचन क्रिया : शकरकंदी स्वादिष्ट तो होती ही है, इसमें फाइबर भी अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए यह पाचन तंत्र के लिए भी अच्छीं है।
• कैंसर : बीटा कैरोटीन को एण्टी्-कार्सिनोजन(कैंसर से राहत दिलाने वाला) माना जाता है। शकरकंदी प्रास्ट्रेंट, कोलन, आंत के कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता है।
• हृदय स्वास्‍थ्‍य के लिए : अधिक मात्रा में पोटैशियम के सेवन से हृदयाघात और स्ट्रोाक का खतरा कम होता है और रक्तरचाप भी नियंत्रित रहता है।
• डायबिटीज़ : डायबिटिक्स की यह सोच बिलकुल गलत है कि वह शकरकंदी नहीं खा सकते। शकरकंदी के सेवन से रक्त़ में शर्करा का स्तपर ठीक रहता है और इन्सु‍लिन की मात्रा भी ठीक रहती है।
• वज़न प्रबंधन : शकरकंदी में प्रोटीन, स्टाऔर्च, विटामिन, मिनेरल्स। और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं और यह शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है। मोटापा घटाना चाहते हैं, तो भी आप शकरकंदी का सेवन कर सकते हैं।