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Sunday 31 May 2015

बेल के औषधीय गुण --- आरती सिंह

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बेल फल उत्तम वायुनाशक, कफ-निस्सारक व जठराग्निवर्धक है। ये कृमि व दुर्गन्ध का नाश करते हैं........इनमें निहित उड़नशील तैल व इगेलिन, इगेलेनिन नामक क्षार-तत्त्व आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं... बेल के फल का रस ठंडा होता है इसका सेवन गर्मियों में करने से लू और गर्मी की दिक्कते नहीं होती है.........ये गर्मियों में जहां आपको राहत देते हैं, वहीं इनका सेवन शरीर के लिए लाभप्रद भी है। बेल में शरीर को ताकतवर रखने के गुणकारी तत्व विद्यमान हैं। इसके सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह रोगों को दूर भगा कर नई स्फूर्ति प्रदान करता है।
*पुराने से पुराने आँव रोग से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन करें।
* यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवर्द्धक भी है।
*पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
*आँख में दर्द होने पर बेल के पत्त्तों की लुगदी आँख पर बाँधने से काफी आराम मिलता है।
*कई मर्तबा गर्मियों में आँखें लाल-लाल हो जाती हैं तथा जलने लगती हैं। ऐसी स्थिति में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूँद आँख में डालना चाहिए। लाली व जलन शीघ्र दूर हो जाएगी।
*बच्चों के पेट में कीड़े हों तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
*बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है।
*इसके पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है, खून में भी वृद्धि होती है।
*बेल के गूदे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है।
*बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
*गर्मियों में गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाने लगे तो बेल और सौंठ का काढ़ा दो चम्मच पिलाना चाहिए।
*पके बेल के गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है।
*छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक चम्मच पका बेल खिलाने से शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। 
*बेल के फल का गुदा निकल कर उसमे थोड़ी मिश्री मिलाकर ३-४ बार लगातार खाने से आँखों की समस्याओ से रहत मिलती है ।
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Tuesday 20 May 2014

पुदीना,शहद,बेल आदि से प्रकृतिक उपचार

http://religion.bhaskar.com/article/FM-AN-yoga-mint-tea-benefits-4582076-PHO.html
उज्जैन। गर्मी में पुदीना खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि ये एक बहुत अच्छी औषधि भी है यह गर्मी झेलने की शक्ति रखता है। पुदीने को गर्मी और बरसात की संजीवनी बूटी कहा गया है। इसकी स्वाद और सुगंध दोनों ही बहुत लाभदायक है। पुदीना विटामिन-ए से भरपूर होता है। पुदीने की चटनी स्वादिष्ट तो होती ही है, यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है। पुदीने का अर्क दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 

पुदीना कफ, गैस, उल्टी, पेट दर्द, बुखार, दस्त और मतली में बहुत फायदेमंद होता है। सिरदर्द और त्वचा रोग में लाभकारी होता है। इसीलिए पुदीने के पौधे में कैफीन नहीं होता है। जिसकी वजह से यह बहुत सारे रोगों से लड़ने में भी मदद करता है, आइए जानते हैं पुदीने की चाय पीने से होने वाले फायदों के बारे में ....
- जिन लोगों को गैस व एसिडिटी की समस्या रहती है, उन्हें खाने के बाद एक कप पुदीना चाय पीना चाहिए। इससे पेट दर्द, गैस व एसिडिटी जैसी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

- बस, कार और ट्रेन में चक्कर और मतली कि परेशानी होती है तो इससे बचने के लिए घर से निकलने से पहले एक कप  पुदीने की गर्म चाय पीना चाहिए।
- पुदीना हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है, यह दर्द को भी खत्म करता है। साथ ही, पाचन क्रिया को सुधरता है और भोजन को पचाने में भी मदद करता है।

- पुदीना पिंपल्स में बहुत लाभदायक होता है। इसमें मेंथोल होता है जो त्वचा को ठंडक देता है, इसकी शीतलता तैलीय त्वचा को सॉफ्ट बना देती है।

-  स्किन पर जलन की समस्या में पुदीना चाय दवा का काम करती है। यह चकत्ते, जलन, कीड़े के काटने, खुजली और त्वचा में सूजन जैसी त्वचा समस्याओं का इलाज करने में भी सहायक है।
- पुदीने की चाय के नियमित इस्तेमाल से बाल खूबसूरत होने लगते हैं। इसकी चाय में कुछ ऐसे भी गुण होते हैं, जिससे बाल चमकीले और घने हो जाते हैं।

- गर्मी के मौसम में लू लगने से बचने के लिए पुदीने की चटनी को प्याज डालकर बनाएं। अगर इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए तो लू लगने की आशंका खत्म हो जाती है।

- नमक के पानी के साथ पुदीने के रस को मिलाकर कुल्ला करें तो गले की खराश और आवाज का भारीपन दूर हो जाता है। आवाज साफ हो जाती है।

- एक गिलास पानी में 8-10 पुदीने की पत्तियां, थोड़ी-सी काली मिर्च और जरा सा काला नमक डालकर उबालें। 5-7 मिनट उबालने के बाद पानी को छानकर पिएं, खांसी, जुकाम और बुखार से राहत मिलेगी।
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